Tuesday, 19 January 2021

 तुम ने बदले हम से गिन गिन के लिये

हमने क्या चाहा था इस दिन के लिये            - दाग़


वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर

दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये              - अमीर मीनाई


(वस्ल = मिलन), (मुख़्तसर = थोड़ा, कम, संक्षिप्त)


वो नहीं सुनते हमारी, क्या करें

माँगते हैं हम दुआ जिन के लिये                    - दाग़


चाहने वालों से गर मतलब नहीं

आप फिर पैदा हुए किन के लिये                   - दाग़


बाग़बाँ, कलियाँ हों हलके रंग की

भेजनी हैं एक कमसिन के लिये                    - अमीर मीनाई


(बाग़बाँ = माली)


-दाग़ देहलवी/ अमीर मीनाई

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